बुधवार, 23 मार्च 2016

होली और भांग

होली और भांग

बचपन से देखता आ रहा हूँ होली के दिन भांग बनता ही है , जैसे इसके बिना जैसे ये त्यौहार मनाया ही नहीं जा सकता . त्यौहार का अर्थ केवल मौज और हुडदंड ही नहीं है . कितना अच्छा होता यदि बिना नशा के त्यौहार मनाया जाय . किसी को भांग नशा चढ़ जाय उसकी हालत विचित्र हो जाती है.
जिन राज्यों में यह आसानी से उपलब्ध है , वहां तो गनीमत है लेकिन जहाँ पर सरकार की व्यवस्था इसकी बिक्री के विरद्ध है वहां तो यह व्यापर का एक माध्यम बना हुआ है . विशेषकर शिव रात्रि और होली के दिन भारी कीमत चुकानी पड़ती है .

शायद यह इस त्यौहार की मूल भावना से मेल नहीं खता है . तो क्या करें शक्ति से इसका परित्याग करें . लोगों इससे होने वाली हानि से अवगत कराएं .

१.   इसका असर दिमाग पर पडता है.
२.   भांग के सेवन से साइड इफेक्ट होता है.
३.    भांग का सेवन करने वालों में यूफोरिया, एंजाइटी, याददाश्त का असंतुलित होना, साइकोमोटर    परफार्मेंस जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

कुछ लोग भांग की जगह या भांग के साथ शराब का भी नशा करते हैं। जो और हानिकारक और चिंतनीय स्थिति है . ऐसा करने वाले व्यक्ति किसी नहीं सुनते उनको तो केवल लाभ ही लाभ दिखाई देता है . आवश्कता है उन्हें प्यार से समझाया जाय और इससे होने वाली परेशानियों से अवगत कराया जाय .

    सौभाग्य से आयुर्वेद में इन दोनों ही नशों को उतारने का उपाय बताया गया है।
भांग और शराब का नशा उतारने के कई तरीके हैं जो निम्न प्रकार हैं-

(1) आयुर्वेद के अनुसार खटाई से किसी भी तरह का नशा उतर   उतर जाता है। अगर किसी को भांग या शराब बहुत ज्यादा चढ़ गई हो तो उसे नींबू, छाछ, खट्टा दही, कैरी (कच्चा आम) की छाछ या इमली का पानी बनाकर पिला दें, उसका नशा कुछ ही मिनटों में दूर हो जाएगा।

(2) ऐसे फ्रूट्स जो खट्टे हो जैसे नींबू, संतरा, अंगूर आदि में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स नशे देने वाले केमिकल्स को बेअसर करने की क्षमता रखते हैं।
नारियल पानी और सरसों के तेल से भी उतरता है नशा

(3) नारियल पानी पीने से भी नशा कम होता है। इसमें मिनरल तथा इलेक्ट्रोलेट्स होते हैं जो बॉडी को रिहाइड्रेट कर देते हैं जिससे नशे के कारण शरीर में पैदा हुई ड्राईनेस खत्म होती है और नशा उतर जाता है।

(4) अगर बहुत ज्यादा भांग पीने के कारण आदमी बेहोशी की हालत में हो तो सरसों का तेल हल्का गुनगुना करके उस व्यक्ति के दोनों कानों में एक-दो बूंद डाल देने से बेहोशी टूट जाती है।

कुछ लोग कहते हैं केले के तने काभी रस दिया जाता है .



(5) कुछ लोग भांग का नशा उतारने के लिए देसी घी का भी प्रयोग करते हैं। लेकिन यह उपाय तभी काम करता है जब देसी घी शुद्ध हो तथा बहुत अधिक मात्रा में खाया जाए।

(6) चुटकी भर अदरक भी अच्छे से अच्छे नशे को उतारने की क्षमता रखती है।

भांग के नशे में  अधिकांश रिसेप्टर्स मस्तिष्क के उन हिस्सों में पाए जाते हैं जो कि खुशी, स्‍‍मृति, सोच, एकाग्रता, संवेदना और समय की धारणा को प्रभावित करते हैं। भांग के रासायनिक यौगिक आंख, कान, त्वचा और पेट को प्रभावित करते हैं।
इससे स्मरण शक्ति भी दुष्प्रभावित होती है . आजकल स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए अलग अलग दवाएं बाजार में उपलब्ध है लेकिन ऐसा कार्य ही क्यों किया जाय की जिन हानिकारक चीजों का प्रयोग करने से तकलीफ होती हो उसे प्रयोग ही क्यों किया जाय ??? लेकिन ये सब समस्या पैदा ही क्यों हो ????

हिम्मत करके छोड़ दीजिये  परेशानी से मुक्ति मिलेगी ही आपके शुभचिंतक , आश्रित और आप स्वयं इससे बच जायेंगें .
                       
पीने वालों को पीने का बहन चाहिए ......








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